झाँसी की तपती दोपहरी में जहां सूर्यदेव का प्रचंड प्रकोप हर किसी को बेहाल कर रहा है, वहीं संघर्ष महिला संगठन ने अपनी मिसाल कायम करते हुए गर्मी से जंग का ऐलान कर दिया! झाँसी नगर निगम के सहयोग से डेलीग्राम स्थित आदिवासी बस्ती में एक खास “लू से बचाव कार्यशाला एवं जनजागरूकता कैंप” का आयोजन किया गया, जिसने पूरे इलाके में राहत की ठंडी फुहार भर दी।
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई राष्ट्रपति पदक से सम्मानित समाजसेविका नीति शास्त्री ने, जिन्होंने तपती लू के कहर से बचने के अद्भुत और जीवनरक्षक उपाय साझा किए। उन्होंने बताया कि लू कोई मामूली गर्मी नहीं, बल्कि यह एक जानलेवा संकट है – इसके लक्षण जैसे सिरदर्द, उल्टी, त्वचा का सूखापन, बेहोशी आदि को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में तुरन्त प्राथमिक उपचार और स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क ज़रूरी है।
कैंप में उपस्थित सैकड़ों लोगों को सत्तू, छाछ, तौलिया, बिस्किट जैसे जीवनरक्षक सामान वितरित किए गए – यानी गर्मी को मात देने का पूरा इंतज़ाम! मंच से अपनी ऊर्जावान आवाज़ में संघर्ष महिला संगठन की चार्टर अध्यक्ष सपना सरावगी ने कहा, “प्यास लगे या ना लगे, पानी पीते रहें… बेल का शरबत, नींबू पानी और सत्तू ही हैं असली शील्ड!” उन्होंने गर्मी में खानपान से लेकर पहनावे तक सभी जरूरी हिदायतें दीं और कहा कि “बचाव ही उपचार है”।
इस राजसी सेवा के अवसर पर संगठन की प्रेसिडेंट नेहा तिवारी, वाइस प्रेसिडेंट मोना राय, ट्रेजरार रक्षा शर्मा, सेक्रेटरी अंजलि अग्रवाल, तथा वरिष्ठ सदस्य ओमनी राय, प्रियंका पारीक्षा, ज्योत्सना, दीपा गुप्ता सहित संघर्ष सेवा समिति से संदीप नामदेव, राजू सेन और आशीष विश्वकर्मा ने भी सहभागिता कर इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचाया।
संघर्ष महिला संगठन की यह पहल झाँसी की तपती धरती पर एक ठंडी राहत की बूँद बनकर उभरी है – यही तो है असली समाज सेवा।
इनपुट : विवेक राजौरिया