आज दोपहर झांसी की पुरानी तहसील परिसर अचानक धुएं और लपटों से घिर गया, जब एक मामूली सी चिंगारी ने विकराल आग का रूप ले लिया। बताया जा रहा है कि विद्युत तारों में हुए शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई यह चिंगारी तहसील की छत पर पड़े कचरे में जा लगी और पलक झपकते ही आग ने भीषण रूप ले लिया!
हर तरफ अफरा-तफरी मच गई!
फाइलों और रजिस्ट्रियों की दुनिया से घिरे लोग जैसे ही आग की लपटें और धुंआ देखे—भागे जान बचाकर। कई लोग अपनी रजिस्ट्रियां, ज़मीन के कागज़ और जरूरी दस्तावेज छोड़ कर ही बाहर भाग निकले। तहसील परिसर में मची भगदड़ का नज़ारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था
दमकल ने बचाई जान-माल की रक्षा!
सूचना मिलते ही दमकल की टीम मौके पर दौड़ी और आग पर काबू पाया। यदि दमकल थोड़ी देर और कर देती, तो सरकारी कागज़ों के साथ पूरी तहसील भी खाक हो सकती थी।
फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन सवाल बड़ा है—क्या सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा व्यवस्था इतनी ही लचर है?
अब सवाल उठ रहे हैं—क्या इस तरह लापरवाही के चलते किसी दिन कोई बड़ा हादसा होगा?