झांसी : संघर्ष सेवा समिति के प्रांगण में रविवार को एक भावुक और प्रेरणादायक पल गूंज उठा, जब माताओं के चरण वंदन के साथ मातृदिवस का अनोखा उत्सव मनाया गया। इस खास मौके पर समिति के अध्यक्ष डाॅ. संदीप सरावगी ने अपनी माता श्रीमती शीला सरावगी समेत सभी उपस्थित मातृशक्तियों का सम्मान कर, उनके आशीर्वाद से कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि यह सिर्फ औपचारिकता नहीं थी, बल्कि सच्चे भावों से जुड़ा एक संकल्प था—माताओं को उनके उस अटूट प्रेम, त्याग और संघर्ष के लिए धन्यवाद कहने का। केक काटकर इस आत्मीय दिवस को और भी यादगार बनाया गया।
डाॅ. संदीप सरावगी ने अपने उद्बोधन में कहा:
“माँ के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है। जब भी कोई कष्ट आता है, इंसान सबसे पहले माँ को ही याद करता है—ये ईश्वर द्वारा दी गई एक सहज प्रेरणा है। दुखद है कि आज की पीढ़ी वृद्धाश्रमों की ओर बढ़ रही है, जबकि वही माँ जीवन भर हर सुख-दुख में उनके साथ खड़ी रही। यह वक्त है खुद को टटोलने का, माँ को सिर्फ एक दिन नहीं, हर दिन सम्मान देने का।”
कार्यक्रम में मौजूद उपसभापति प्रियंका साहू ने भी गहन शब्दों में माँ की महिमा का बखान करते हुए कहा:
“माँ, सिर्फ एक शब्द नहीं, वह भाव है, वह ऊर्जा है जो जीवन को दिशा देती है। चाहे इंसान हो या पक्षी—हर माँ अपने बच्चों के लिए सर्वस्व त्याग करने को तत्पर रहती है।”
संघर्ष महिला संगठन की अध्यक्ष नेहा तिवारी, चार्टर अध्यक्ष सपना सरावगी, और पूजा अग्रवाल समेत कई अन्य वक्ताओं ने भी मातृत्व की गरिमा को शब्दों में सजाया।
अनीता सिंह ने कहा: “हर महान व्यक्तित्व के पीछे उसकी माँ की भूमिका छिपी होती है। माँ सिर्फ जन्म नहीं देती, वह जीवन को आकार भी देती है।”
कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों से आए गणमान्य लोग भी शामिल हुए। जिनमें प्रमुख रूप से अंजलि अग्रवाल, रक्षा शर्मा, प्रेरणा सहवानी, मीना मसीह, सुशांत गुप्ता, दिलीप, राकेश अहिरवार समेत कई नाम रहे।
संघर्ष सेवा समिति ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि माँ का सम्मान सिर्फ शब्दों से नहीं, कर्मों से होना चाहिए। इस आयोजन ने हर दिल को छू लिया और मातृशक्ति के सम्मान को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया।