सरकारी डॉक्टर और चिकित्सा शिक्षक अब नहीं कर पाएंगे प्राइवेट प्रैक्टिस
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज से वंचित कर निजी अस्पतालों में भेजने की शिकायतों पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने सरकारी डॉक्टरों और चिकित्सा शिक्षकों की निजी प्रैक्टिस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी डॉक्टर द्वारा उत्तर प्रदेश सरकारी डॉक्टर (एलोपैथिक) प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध नियमावली, 1983 के उल्लंघन की पुष्टि होती है तो संबंधित डॉक्टर और अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक
गुरुवार को जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट स्थित चैंबर में चिकित्सा शिक्षा विभाग और चिकित्सा विभाग के राजकीय चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय, महिला विभाग अधीक्षक डॉ. राज नारायण, पुरुष विभाग के अधीक्षक डॉ. पी. के. कटियार, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. मयंक सिंह, क्षेत्राधिकारी पुलिस रामवीर सिंह और निरीक्षक एलआईयू मौजूद रहे।
सतर्कता समिति का होगा पुनर्गठन
बैठक में प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायतों की जांच के लिए सतर्कता समिति के पुनर्गठन पर विस्तार से चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि सतर्कता समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी स्वयं होंगे। समिति में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (पुरुष/महिला), जिलाधिकारी द्वारा नामित अभिसूचना इकाई का सदस्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सदस्य सचिव के रूप में शामिल रहेंगे।
सख्त निगरानी और गोपनीय जांच के निर्देश
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 177 राजकीय चिकित्सा शिक्षक और चिकित्सक कार्यरत हैं। उनकी सूची एलआईयू को सौंप दी गई है और निर्देश दिया गया है कि सभी चिकित्सकों की गोपनीय जांच नियमित रूप से की जाए। अगर किसी डॉक्टर की निजी प्रैक्टिस की पुष्टि होती है तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
लिखित शपथ-पत्र पहले ही लिए जा चुके हैं
बैठक में बताया गया कि सभी राजकीय चिकित्सकों से पहले ही लिखित शपथ-पत्र लिया जा चुका है कि वे निजी प्रैक्टिस नहीं करेंगे। यदि कोई डॉक्टर इस शपथ का उल्लंघन करता है तो उसका अस्पताल और प्रैक्टिस लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में दिया गया प्रैक्टिस बंदी भत्ता भी वापस लिया जाएगा।
डॉक्टर उत्सव राज ने दी स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष जानकारी
इस मौके पर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर उत्सव राज ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती और जनता तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने के विषय में विशेष जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है।
प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक के लिए प्रशासन सख्त
जिलाधिकारी ने साफ किया कि सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज मिले, इसके लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट = गौरव साहू