June 20, 2025 4:17 am

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नगर निगम की घोर लापरवाही पर भड़के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, FIR की मांग से गरमाई राजनीती 

झांसी : बिजौली के डंपिंग यार्ड में लगी भीषण आग ने पूरे इलाके को धुएं और जहरीली दुर्गंध से भर दिया है। आग की भयावहता इतनी थी कि पूरे इलाके में सांस लेना मुश्किल हो गया। बच्चों और बुजुर्गों को खांसी-जुकाम और सांस की गंभीर बीमारियों ने जकड़ लिया है। स्थानीय लोग नगर निगम की लापरवाही से बेहद नाराज हैं।

 

इस गंभीर स्थिति की सूचना मिलते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य मौके पर पहुंचे और नगर निगम की भूमिका पर कड़ा सवाल खड़ा किया। उन्होंने साफ कहा कि यह आग प्राकृतिक नहीं, बल्कि नगर निगम के कर्मचारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का नतीजा है। प्रदीप जैन आदित्य ने कहा,

“नगर निगम की घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार ने लोगों की जान खतरे में डाल दी है। खुले में कचरा जलाने वालों पर तुरंत FIR दर्ज होनी चाहिए। यह हादसा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित लापरवाही है।”

पीने के पानी की भी गंभीर समस्या, नलों में आ रहा गंदा पानी

बिजौली में आग की समस्या के साथ-साथ स्थानीय लोग पीने के पानी की विकराल समस्या से भी जूझ रहे हैं। नलों में गंदा और बदबूदार पानी आ रहा है, जिससे लोग पेट से जुड़ी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर निगम इस समस्या को लेकर पूरी तरह से उदासीन बना हुआ है। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

प्रदीप जैन आदित्य ने इस मुद्दे को भी जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा, “नगर निगम की नाकामी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे डायरिया, उल्टी और पेट दर्द जैसी बीमारियां फैल रही हैं। नगर निगम के पास इतनी बड़ी समस्या का कोई समाधान नहीं है। अगर जल्द ही पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो बड़ा जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।”

NGT के आदेशों की भी उड़ रही हैं धज्जियां

इस पूरे मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों की भी खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। NGT ने साफ आदेश दिया था कि डंपिंग यार्ड में कचरा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और शहर में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए। लेकिन नगर निगम प्रशासन ने इन आदेशों को नजरअंदाज कर दिया।

NGT के आदेशों की अनदेखी को लेकर प्रदीप जैन आदित्य ने कहा, “नगर निगम की यह लापरवाही सिर्फ प्रशासनिक असफलता नहीं, बल्कि जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ है। NGT के आदेशों को ठेंगा दिखाकर नगर निगम ने यह साबित कर दिया है कि उसे जनता की सेहत और जान की कोई परवाह नहीं है।”

FIR दर्ज न हुई तो होगा बड़ा आंदोलन

मौके पर पहुंचे अपर नगर आयुक्त मोहम्मद कमर ने हालात का जायजा लिया और जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। कमर ने कहा कि जिम्मेदारों पर FIR दर्ज कराई जाएगी और मामले की गहन जांच होगी।

 

प्रदीप जैन आदित्य ने चेतावनी दी कि अगर दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो जनता के साथ मिलकर नगर निगम के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, “नगर निगम की इस लापरवाही से अगर किसी की जान गई तो इसकी सीधी जिम्मेदारी नगर निगम और संबंधित अधिकारियों की होगी। जनता अब जवाब मांग रही है और हम इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।”

जनता को कब मिलेगा जवाब?

इस घटना ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या नगर निगम के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा? जनता जवाब मांग रही है और प्रदीप जैन आदित्य ने इस मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।

रिपोर्ट = गौरव साहू

 

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