June 20, 2025 3:46 am

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बिजौली की रात में भड़की आग, पुलिस-फायर ब्रिगेड की तत्परता से टला बड़ा हादसा

बिजौली की रात में भड़की आग, पुलिस-फायर ब्रिगेड की तत्परता से टला बड़ा हादसा

झांसी के बिजौली में बीती रात एक भयावह हादसा होते-होते टल गया। आधी रात के बाद सन्नाटे में गूंजती आग की लपटें और चीख-पुकार ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। शंकर जी के मंदिर के पास स्थित जनरल स्टोर और किराना दुकान में अचानक भयानक आग भड़क उठी, जिसकी लपटें आसमान छूने लगीं। रात की नीरवता को चीरते हुए दुकानदारों और राहगीरों की आवाजें गूंजने लगीं, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

आधी रात का भयावह मंजर

बिजौली निवासी गिरबर पाल, जो अपनी अंशिका जनरल स्टोर एवं किराना दुकान के मालिक हैं, रोज की तरह रात 10 बजे अपनी दुकान बंद कर घर चले गए थे। लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। दुकान में रखा फ्रिजर रात में बंद करना वे भूल गए, और वही छोटी-सी चूक एक बड़े हादसे में तब्दील हो गई। रात के करीब 12:15 बजे फ्रिजर में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे निकली चिंगारियों ने देखते ही देखते दुकान को आग के हवाले कर दिया। दुकान में रखे प्लास्टिक पैकेट, किराना सामग्री और अन्य ज्वलनशील पदार्थों ने आग को और भी विकराल बना दिया।

रात की गहराती नीरवता में जब राहगीरों की नजर दुकान से उठती आग की लपटों पर पड़ी, तो चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग दौड़ पड़े, पानी डालने और आग बुझाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि किसी के काबू में नहीं आ रही थी।

पुलिस और फायर ब्रिगेड की तत्परता

घटना की सूचना मिलते ही बिजौली पुलिस चौकी प्रभारी सुशील कुमार द्विवेदी और एसआई वीरेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने तुरंत फायर ब्रिगेड को बुलाने का निर्णय लिया। आग इतनी तेज़ी से फैल रही थी कि अगर थोड़ी भी देर होती, तो आसपास की दुकानें और मकान इसकी चपेट में आ सकते थे।

सहायक पुलिस अधीक्षक आलोक भाटी और प्रेमनगर थाना प्रभारी सरिता मिश्रा भी तत्काल मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी झांसी मुख्यालय से महज 15 मिनट में घटनास्थल पर आ धमकी। यह उनकी तत्परता और सजगता का ही परिणाम था कि आग को काबू में लाया जा सका और एक बड़ी त्रासदी होते-होते बच गई।

चार से पांच लाख का नुकसान, पर जान की रक्षा

गिरबर पाल ने दुखी मन से बताया कि उनकी दुकान में रखा किराना और दूध समेत तमाम सामान जलकर खाक हो गया, जिससे लगभग 4 से 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।

सबक जो हमें मिला

इस घटना ने एक महत्वपूर्ण सीख दी कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रात में बंद करना कितना आवश्यक है। एक छोटी-सी भूल बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। दुकानदारों और आम जनता को चाहिए कि वे बिजली से जुड़े उपकरणों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

बिजौली पुलिस और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि सतर्कता और मुस्तैदी से किसी भी बड़े हादसे को टाला जा सकता है। अगर थोड़ी भी देर होती, तो यह घटना और भी भयावह रूप ले सकती थी। लेकिन समय रहते प्रशासन की सक्रियता ने बिजौली को एक बड़ी त्रासदी से बचा लिया।

रिपोर्ट = गौरव साहू

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