June 20, 2025 4:16 am

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“जिस उंगली पकड़कर चलना था, उसी को अग्नि के हवाले कर दिया – चार साल की बच्ची का छलकता दर्द बोली – पापा ने मां को मार दिया”

चार साल की मासूम ने दी मां को मुखाग्नि, बोली— पापा ने मार दिया और भाग गए

“अभी तो साँसों की डोरी भी ठीक से बंधी न थी, माँ की ममता छिन गई, ये कैसी बेबसी खड़ी न थी।”

उन्नाव गेट बाहर पंचवटी कॉलोनी में जो हुआ, उसने हर दिल को झकझोर कर रख दिया। एक चार साल की मासूम ने अपनी मां की चिता को मुखाग्नि दी। उसकी मासूमियत और बेबसी ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। जब उससे पूछा गया कि वह दाह संस्कार क्यों कर रही है, तो जो जवाब मिला, उसने सभी को स्तब्ध कर दिया।

“पापा ने मम्मी को मार दिया, वो भाग गए। पुलिस उन्हें ढूंढ रही है।”

यह कहते हुए उस बच्ची की आंखों में न आंसू थे, न डर—बस एक दर्द था, जिसे वह शायद खुद भी पूरी तरह नहीं समझ पा रही थी। यह दर्द उसकी नन्ही उम्र से कहीं बड़ा था।

ड्राइंग से खोला हत्या का राज

चार वर्षीय मासूम ने अपनी ड्राइंग में वो सच उकेर दिया, जिसे कहने की हिम्मत हर कोई नहीं जुटा पाता। उसने कागज़ पर उकेरी लकीरों में दिखाया कि उसकी मां की हत्या उसके पिता ने गला दबाकर की थी। पुलिस और परिजनों ने जब इस तस्वीर को देखा, तो सन्न रह गए।

“जब मां को आग के हवाले किया, तब भी आंखें मां को ढूंढ रही थीं।”

सोनल भदौरिया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जब इस सच का खुलासा हुआ कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या थी, तो आरोपी पिता फरार हो गया। घर में कोई और बड़ा सदस्य न होने के कारण रीति-रिवाज निभाने की जिम्मेदारी उस बच्ची पर आ गई, जो अभी खुद भी गोद में खिलाने लायक थी।

शाम होते ही पोस्टमार्टम के बाद सोनल का शव घर लाया गया। घर के आंगन में चिता जलाने की तैयारी हो रही थी, लेकिन वहां कोई ऐसा नहीं था जो मुखाग्नि दे सके। फिर परिवार के लोगों ने रीति-रिवाज पूरे करने के लिए उसकी चार साल की बेटी को आगे किया।

मासूम ने कांपते हाथों से लकड़ी उठाई, उसे जलते हुए चिता के पास ले गई, और अपनी मां को मुखाग्नि दी। वहां खड़े हर शख्स की आंखें छलक पड़ीं।

“कभी मां के आँचल में छुप जाती थी, आज खुद अकेली खड़ी है।

दुनिया का सहारा क्या होगा उसे, जब अपनों ने ही बेघर कर दी?”

यह घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए एक करुण चीत्कार है। वह बच्ची, जिसने अभी तक दुनिया को ठीक से देखा भी नहीं, उसे इतनी बड़ी त्रासदी से गुजरना पड़ा।

अब पुलिस आरोपी पिता की तलाश कर रही है, लेकिन सवाल यह है कि इस मासूम के दिल से वह दर्द कैसे मिटेगा, जो एक बेटी ने अपनी आंखों के सामने देखा?

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